भगवान कुबेर के दो बेटे नलकुबेर और मनिभद्र नारद मुनि द्वारा सजा प्राप्त हुए थे. इस विडियो में जानिए इन भाइयों और उनके उद्धार की कहानी के बारे में
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१ नलकुबेर और मनिभद्र( मणिग्रीव) यक्ष राजा कुबेर के बेटे थे.
२ रामायण महाकाव्य में नलकुबेर रावण के भतीजे थे और उन्होंने रावण को अपनी पत्नी रंभा का बलात्कार करने के कारण शापित किया था
३ जब रावण ने कुबेर राज्य पर हमला किया था तब उसके खिलाफ लड़ने के लिए मनिभद्र का उल्लेख रामायण में किया गया है
४ भागवत पुराण में भी इन दो भाइयो का उल्लेख किया गया है, जहा उन्हें नारद मुनि ने श्राप दिया था
५ कहानी इस प्रकार है की यह इन दो भाइयो ने शराब के नशे में धुत नारद मुनि का अनादर ( अपमान) किया था
६ नारद श्राप दिया कि नलकुबेर और मनिभद्र सालों तक मरुथु पेड़ के रूप में बने रहेंगे जब तक भगवान विष्णु उन्हें मुक्त नहीं करते
७ वर्षों बाद जब देवी यशोदा ने भगवान कृष्ण के बचपन के दौरान उन्हें एक लकड़ी के ओखली से बांध कर सजा दी थी
८ भगवान कृष्ण, इस ओखली को ज़मीन से घिसट ते हुए बाहर आये और इन दो पेड़ो के बिच ओखली फस गयी
९ यह दो पेड़ भगवान कृष्ण के महान शक्ति की वजह से तुरंत नीचे गिर गए और यह दो भाई उनके मूल रूप में आ गए
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